शास्त्र ऐसे लोगों का लेख दर्ज करते हैं, जो मृतकों में से पुनर्जीवित हुए थे और ये संदर्भ हैं:
1- सारपत की विधवा: सारपत की विधवा के बेटे को एलिय्याह ने मृतकों से जी उठाया (1 राजा 17: 17-24)। “तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा! इस बालक का प्राण इस में फिर डाल दे। एलिय्याह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का प्राण उस में फिर आ गया और वह जी उठा” (पद 21-22)।
2-शुनेमी महिला का बेटा: एलिशा ने शुनेमी महिला के बेटे को मृतकों से उठाया (2 राजा 4: 18-37)। “जब एलीशा घर में आया, तब क्या देखा, कि लड़का मरा हुआ उसकी खाट पर पड़ा है। तब उसने अकेला भीतर जा कर किवाड़ बन्द किया, और यहोवा से प्रार्थना की। तब वह चढ़कर लड़के पर इस रीति से लेट गया कि अपना मुंह उसके मुंह से और अपनी आंखें उसकी आंखों से और अपने हाथ उसके हाथों से मिला दिये और वह लड़के पर पसर गया, तब लड़के की देह गर्म होने लगी। और वह उसे छोड़कर घर में इधर उधर टहलने लगा, और फिर चढ़ कर लड़के पर पसर गया; तब लड़के ने सात बार छींका, और अपनी आंखें खोलीं” (पद 32-35)
3-वह आदमी एलीशा की कब्र से उठा: यह पुनरुत्थान एलिशा की मृत्यु के बाद हुआ (2 राजा 13: 20–21)। “लोग किसी मनुष्य को मिट्ठी दे रहे थे, कि एक दल उन्हें देख पड़ा तब उन्होंने उस लोथ को एलीशा की कबर में डाल दिया, और एलीशा की हड्डियों के छूते ही वह जी उठा, और अपने पावों के बल खड़ा हो गया” (पद 21)।
4- नाईंन की विधवा के बेटे को यीशु का पहला पुनरुत्थान का चमत्कार (लुका 7: 11-17)। ” तब उस ने पास आकर, अर्थी को छुआ; और उठाने वाले ठहर गए, तब उस ने कहा; हे जवान, मैं तुझ से कहता हूं, उठ। तब वह मुरदा उठ बैठा, और बोलने लगा: और उस ने उसे उस की मां को सौप दिया” (पद 14-15)।
5-याईर की बेटी: यीशु ने एक आराधनालय के अगुए (लुका 8: 52-56) की युवा बेटी को जीवित किया। यीशु ने कहा, “परन्तु उस ने उसका हाथ पकड़ा, और पुकारकर कहा, हे लड़की उठ! तब उसके प्राण फिर आए और वह तुरन्त उठी; फिर उस ने आज्ञा दी, कि उसे कुछ खाने को दिया जाए” (पद 54-55)।
6- बैतनिय्याह का लाजर: यीशु ने मरे हुए दोस्त लाजर (यूहन्ना 11) को जी उठाया। यीशु ने “यह कहकर उस ने बड़े शब्द से पुकारा, कि हे लाजर, निकल आ” (पद 43)। और, “जो मर गया था, वह कफन से हाथ पांव बन्धे हुए निकल आया और उसका मुंह अंगोछे से लिपटा हुआ तें यीशु ने उन से कहा, उसे खोलकर जाने दो” (पद 44)।
7-यरूशलेम में कई संत: मसीह के पुनरुत्थान के समय कुछ संत पुन: जीवित हो गए (मत्ती 27:50-53)। उस समय, “और कब्रें खुल गईं; और सोए हुए पवित्र लोगों की बहुत लोथें जी उठीं। और उसके जी उठने के बाद वे कब्रों में से निकलकर पवित्र नगर में गए, और बहुतों को दिखाई दिए” (पद 52-53)।
8-प्रेरितिक कलिसिया की तबीता: प्रभु ने तबीता को एक विश्वासी के रूप में पुनर्जीवित किया जो तटीय शहर याफा में रहती थी (प्रेरितों के काम 9: 36–43)। “तब पतरस ने सब को बाहर कर दिया, और घुटने टेककर प्रार्थना की; और लोथ की ओर देखकर कहा; हे तबीता उठ: तब उस ने अपनी आंखे खोल दी; और पतरस को देखकर उठ बैठी। उस ने हाथ देकर उसे उठाया और पवित्र लोगों और विधवाओं को बुलाकर उसे जीवित और जागृत दिखा दिया” (पद 40-41)।
9- प्रेरितिक कलिसिया का यूतुखुस: त्राओस में यूतुखुस एक युवक था जिसे परमेश्वर द्वारा पुनर्जीवित किया गया था (प्रेरितों के काम 20:7-12)। “परन्तु पौलुस उतरकर उस से लिपट गया, और गले लगाकर कहा; घबराओ नहीं; क्योंकि उसका प्राण उसी में है। और ऊपर जाकर रोटी तोड़ी और खाकर इतनी देर तक उन से बातें करता रहा, कि पौ फट गई; फिर वह चला गया। और वे उस लड़के को जीवित ले आए, और बहुत शान्ति पाई” (पद 10-12)।
10-यीशु मसीह हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता हैं। बाइबल में यीशु मसीह के पुनरुत्थान (मरकुस 16: 1-8) को दर्ज किया गया है। स्वर्गदूत ने कहा, “उस ने उन से कहा, चकित मत हो, तुम यीशु नासरी को, जो क्रूस पर चढ़ाया गया था, ढूंढ़ती हो: वह जी उठा है; यहां नहीं है; देखो, यही वह स्थान है, जहां उन्होंने उसे रखा था” (पद 6)।
“यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा” (यूहन्ना 11:25)।
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परमेश्वर की सेवा में,
BibleAsk टीम