(168)  पीछे हटना

पीछे हटना

1. परमेश्वर पीछे हटने को कैसे देखता है?
तेरे पीछे हटने से तुझे ताड़ना मिलेगी: . . .  इस कारण यहोवा यह कहता है, मैं फिर तुम से विवाद, और तुम्हारे बेटे और पोतों से भी प्रश्न करूंगा।” (यिर्मयाह 2:1,9)। “38 और मेरा धर्मी जन विश्वास से जीवित रहेगा, और यदि वह पीछे हट जाए तो मेरा मन उस से प्रसन्न न होगा। (इब्रानियों 10:38)।

2. परमेश्वर के लोगों की प्रवृत्ति क्या रही है?
मेरी प्रजा मुझ से फिर जाने में लगी रहती है; यद्यपि वे उन को परमप्रधान की ओर बुलाते हैं, तौभी उन में से कोई भी मेरी महिमा नहीं करता “ (होशे 11:7)।

3. क्या अनिवार्य रूप से परमेश्वर से दूर जाने की ओर ले जाता है?
हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए। “ (इब्रानियों 3:12)।

टिप्पणी: -अविश्वास “पाप है जो इतनी आसानी से हमें घेर लेता है।”( इब्रानियों 12:1)।

4. यरूशलेम के लोगों का लगातार भटकना किस तरह प्रकट हुआ?
जब कोई भटक जाता है तो क्या वह लौट नहीं आता? फिर क्या कारण है कि ये यरूशलेमी सदा दूर ही दूर भटकते जाते हैं? ये छल नहीं छोड़ते, और फिर लौटने से इनकार करते हैं।  मैं ने ध्यान देकर सुना, परन्तु ये ठीक नहीं बोलते; इन में से किसी ने अपनी बुराई से पछताकर नहीं कहा, हाय! मैं ने यह क्या किया है? जैसा घोड़ा लड़ाई में वेग से दौड़ता है, वैसे ही इन में से हर एक जन अपनी ही दौड़ में दौड़ता है।” (यिर्मयाह 8:5,6)।

5. पीछे हटने की तुलना किससे की गई है?
“इस में तो सन्देह नहीं कि जैसे विश्वासघाती स्त्री अपने प्रिय से मन फेर लेती है, वैसे ही हे इस्राएल के घराने, तू मुझ से फिर गया है, यहोवा की यही वाणी है”। (यिर्मयाह 3:20)।

6. परमेश्वर का अनुग्रह पुनः प्राप्त करने के लिए, पीछे हटनेवाले को क्या करना चाहिए?
केवल अपना अधर्म मान ले, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा से फिर गई, और सब हरे वृक्षों के तले इधर उधर परदेशियों के पास चली गई, और मेरी बात नहीं मानी, यहोवा की यही वाणी है।” ( पद 13)।

7. परमेश्वर किस शर्त पर पापियों पर दया करने का वादा करता है?
दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा।”  (यशायाह 55:7)।

8. दुष्ट क्यों अपनी सोच और चालचलन को त्याग देते हैं?
क्योंकि मेरे विचार तुम्हारे विचार नहीं, और न तुम्हारे मार्ग मेरे मार्ग हैं, यहोवा की यही वाणी है।”( पद 8)।

टिप्पणी:- परमेश्वर की इच्छा है कि हम उनके विचारों को सोचें, जो कि सही विचार हैं, शुद्ध विचार हैं, हमेशा के लिए विचार हैं। वह यह भी चाहता है कि हम उसके मार्गों को, जो मनभाऊ हैं, अपना लें, और उसके पथों पर चलें, जो शान्ति के मार्ग हैं।

9. पीछे हटने से रोकने के लिए विशेष रूप से क्या आवश्यक है?
जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है। (मरकुस 14:38)।

10. विश्वासियों को क्या करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है?
अपने आप को परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आप को जांचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।” (2 कुरिन्थियों 13:5)।

11. अगर किसी के दिल में परमेश्वर की व्यवस्था है, तो क्या नहीं होगा?
उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।” (भजन संहिता 37:31)।

12. पीछे हटने की एक विशेषता क्या है?
अपने पुरखाओं के दिनों से तुम लोग मेरी विधियों से हटते आए हो, ओर उनका पालन नहीं करते। तुम मेरी ओर फिरो, तब मैं भी तुम्हारी ओर फिरूंगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है; परन्तु तुम पूछते हो, हम किस बात में फिरें? (मलाकी 3:7)।

13. जवाब में, परमेश्वर किस उपेक्षित अध्यादेश का हवाला देता है?
क्या मनुष्य परमेश्वर को लूटेगा? फिर भी तुम ने मुझे लूट लिया है। परन्तु तुम कहते हो, कि हम ने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और प्रसाद में। ( पद 8)।

14. कौन-सा उपाय बताया गया है?
तुम सब दशमांश भण्डार में ले आओ, कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे, और सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, अब मुझे जांचकर बताओ, यदि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम पर आशीष न बरसाऊं, तो उसे ग्रहण करने की जगह न होगी।” (पद 10)।

15. मसीह की स्पष्ट शिक्षाओं के कारण, उसके कुछ शिष्यों ने क्या किया?
इस पर उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले”। (यूहन्ना 6:66)।

16. जब पश्‍चाताप करनेवाला पश्‍चाताप करता है, तो परमेश्‍वर क्या करता है?
बातें ले लो, और यहोवा की ओर फिरो; उस से कहो, सब अधर्म दूर करो, और अनुग्रह करके हम को ग्रहण करो; तब हम अपने मुंह के बछड़े को बदला देंगे।” . . . मैं उनका भटकना दूर करूंगा, मैं उन से सेंतमेंत प्रेम रखूंगा; क्योंकि मेरा क्रोध उस पर से दूर हो गया है।” (होशे 14:2-4)।

17. क्या अंतिम दिनों में पीछे हटने का विशेष खतरा होगा?
“ और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा “। (मत्ती 24:12)।

18. कौन-सी कुछ बुराइयाँ हैं जिनके विरुद्ध हमें इस समय विशेष रूप से चेतावनी दी गई है?
इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े” (लूका 21:34)।

19. हमारे आस-पास के संकटों को ध्यान में रखते हुए, हमें क्या करने के लिए कहा गया है?
इसलिये जागते रहो, और हर समय प्रार्थना करते रहो, कि तुम इन सब आनेवाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के साम्हने खड़े होने के योग्य ठहरो।”( पद 36)।

हे परमेश्वर के साथ एक करीब चलने के लिए!
एक शांत और स्वर्गीय प्रेम,
सड़क पर चमकने के लिए एक रोशनी
वह मुझे मेमने की ओर ले जाता है।

विलियम कूपर